7.1 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापनाः
7.1.1 पूँजीगत निवेश अनुदान:
(क) नीति के अन्तर्गत समस्त जनपदों में खाद्य प्रसंस्करण आधारित इकाईयों की स्थापना, विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण/ उन्नयन पर प्लान्ट मशीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य की लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम धनराशि रू.50 लाख की सीमा तक अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। उद्यमी के पास ज्ञात स्त्रोतों से परियोजना हेतु धनराशि की उपलब्धता हो ने की स्थिति में ऋण ले ने की अनिवार्यता नहीं होगी।
(ख) भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण एवं कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर विकास स्कीम) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में स्थापित होने वाली फल एवं शाकभाजी प्रसंस्करण आधारित (नवीन/विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण/उन्नयन) इकाईयों को प्लान्ट मशीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य की लागत का 10 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजीगत निवेश अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
(ग) भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना में स्वीकृत उत्तर प्रदेश की मेगा फूड पार्क परियोजनाओं, जिनमें न्यूनतम पूंजी निवेश रू. 50 करोड़ या अधिक हो, को भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।
परन्तुक, प्रस्तर-7.1.1 (क) में प्राविधानित सुविधा प्रस्तर-7.1.1 (ख एवं ग) से आच्छादित प्रस्तावों को अनुमन्य नहीं होगी।
7.1.2 ब्याज उपादान:
(क) योजनान्तर्गत सूक्ष्म एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाई यों द्वारा स्थापित किये गये प्लांट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य तथा स्पेयर पार्टस पर हो ने वाले व्यय हेतु बैंकों /वित्तीय संस्थानो ं से लिये गये ऋण पर देय ब्याज की दर का शत-प्रतिशत अधिकतम 05 वर्ष तक प्रतिपूर्ति की जायेगी।
(ख) अन्य खाद्य प्रसंस्करण इकाईयो ं द्वारा स्थापित किये गयेे प्लांट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य तथा स्पेयर पार्टस पर हो ने वाले व्यय हेतु बैंकों /वित्तीय संस्थानों से लिये गये ऋण पर देय ब्याज की दर पर 07 प्रतिशत की दर से अथवा वास्तविक ब्याज की दर से, जो भी कम हो , अधिकतम 05 वर्ष हेतु अधिकतम सीमा प्र तिवर्ष प्र ति इकाई रू0 50 लाख की सीमा तक प्रतिपूर्ति की जायेगी।
परन्तु, प्रस्तर-7.1.1 (क) में प्रस्तावित पूं जीगत उपादान एवं प्रस्तर-7.1.2 में प्रस्तावित बैंकों व वित्तीय संस्थानो ं से ऋण ले ने की दशा में अनुमन्य ब्याज उपादान सहित पां च वर्षो ं में अधिकतम धनराशि रू. 250 लाख की सीमा तक ही अनुमन्यता होगी।
7.2 रीफर व्हीकल्स/ मोबाइल प्री-कूलिं ग वैन क्रय हे तु ब्याज उपादान:
मिशन की आवश्यकता के दृष्टिगत योजनान्तर्गत रीफर व्हीकल्स/ मो बाइल प्री-कूलिं ग वै न के क्रय पर होने वाले व्यय हेतु बैंकों/वित्तीय संस्थानो ं से लिये गये ऋण पर देय ब्याज की दर पर 07 प्रतिशत की दर से अथवा वास्तविक ब्याज की दर से, जो भी कम हो ,अधिकतम 05 वर्षो हे तु अधिकतम रू. 50 लाख की सीमा तक प्र तिपूर्ति की जायेगी।
7.3 खाद्य प्र संस्करण विषय में डिग्री/ डिप्लोमा/ सर्टिफिके ट को र्स चलाने हेतु अवस्थापना सुविधाओं का सृजनः
राजकीय क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग टेक्नालाॅजी सम्बन्धी डिग्री/डिप्लोमा /सर्टिफिकेट कोर्स चलाने हेतु विश्वविद्यालयों/राजकीय संस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं यथा-आधुनिक पुस्तकालय, पाईलट प्लांट, प्रयोगशाला इक्विपमेन्ट के सृजन हेतु हो ने वाले व्यय पर अधिकतम धनराशि रू.75 लाख तक की सीमा तक अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
7.4 खाद्य प्र संस्करण कौशल विकास:
7.4.1 उद्यमिता विbकास कार्यक्रम संचालित करने के लिए केन्द्र/राज्य सरकार के संस्थान, विकास एवं अनुसंधान संस्थान में उद्यमियों /प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन उद्योगों की स्थापना तक सहयोग प्रदान किया जायेगा। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने वाली देश की शीर्ष संस्थाओं पर चयनित उद्यमियों को उद्योग स्थापना हेतु व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु वास्तविक लागत के आधार पर यह सुविधा प्र दान की जायेगी।
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7.4.2 प्रदेश की न्याय पंचायतों में 03 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण/शिविरों का आयोजन कर ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी हस्तान्तरण किया जायेगा।
7.4.3 न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षणोंपरान्त इच्छुक एवं चयनित प्रतिभागियों को एक माह का गहन प्रशिक्षण, जनपदों में स्थित राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्रो ं पर प्रदान कराया जायेगा। नई योजनाbbbb लाकर ग्रामीण क्षेत्रों में लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना को प्र ोत्साहित किया जाये गा तथा इसके लिए निर्धा रित इकाई लागत पर 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 01 लाख अनुदान सुलभ कराया जायेगा।
7.4.4 राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रो ं का सुदृढ़ीकरण कर उन्हें खाद्य प्रसंस्करण के उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। यथावश्यकता इन केन्द्रो ं को पी0पी0पी0 माॅडल पर संचालित कराया जायेगा।
b7.5 खाद्य प्र संस्करण प्रो त्साहन कार्यकलाप:
खाद्य प्रसंस्करण सम्बन्धी योजनाओं/सुविधाओं /रियायतों तथा इस क्षेत्र में नवीन
तकनीक की जानकारी उद्यमियों /बागवानों /नवयुवको ं को प्रदान करने के उद्देश्य से
प्रदेश/मण्डल/जनपद/विकास खण्ड स्तर पर सेमिनार/संगोष्ठियों/क्रे ता-विक्रेता सम्मेलन का
आयोजन कराया जायेगा।
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7.6 मानकीकरण प्रो त्साहन प्राविधान:
खाद्य प्रसंस्करण के उत्पादों का श्रेणीकरण तथा मानकीकरण कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य गुणवत्ता/पर्यावरणीय प्रमाणीकरण एवं एक्रीडिटे शन जैसेः आई.एस.ओ. 14001, आई.एस.ओ. 22000, एच.ए.सी.सी.पी. / सेनेट्री / फाइटोसेनेट्री सर्टीफिके शन आदि हेतु राज्य सरकार द्वारा वास्तविक रूप से भुगतान की गयी फीस एण्ड टे स्टिंग चार्ज के सापेक्ष 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 1.50 लाख अनुदान के रूप में प्रतिपूर्ति की जायेगी।
7.7 पेटेन्ट/डिजाइन पंजीकरण प्र ाविधान:
पेटेन्ट/डिजाइन के पंजीकरण हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों द्वारा अधिकृत संगठनों /संस्थानो ं को भुगतान की गयी फीस का 75 प्रतिशत अधिकतम रू. 1.50 लाख अनुदान प्रतिपूर्ति एक बार देय होगी।
7.8 बाजार विकास एवं ब्राण्ड प्रो त्साहन प्राविधान:
प्रदेश में स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयांे को विपणन के लिए बाजार विकास एवं ब्राण्ड प्रोत्साहन हेतु निम्नांकित अनुदान एवं रियायतें उपलब्ध करायी जायेंगी:-
(1) प्रदेश में स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयो ं को उनके द्वारा उत्पादित उत्पाद के निर्या त को प्रोत्साहित करने के उद््देश्य से अन्य देशो ं में उत्पाद का नमूना (सैम्पल) प्रे षित करने पर इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू .02 लाख प्रति लाभार्थी अनुदान दिया जायेगा। यह अनुदान एक इकाई को एक देश एवं एक नमूना तक सीमित होगा।
(2) राज्य में उत्पादित प्रसंस्कृत उत्पाद के निर्या त को प्रोत्साहित करने हेतु एयरपोर्ट/समुद्री पो र्ट तक उत्पाद परिवहन पर हो ने वाले वास्तविक व्यय का 25 प्रतिशत, रू. 10 लाख प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा तक 03 वर्षो ं तक प्रति लाभार्थी अनुदान दिया जायेगा।
(3) राज्य में उत्पादित प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन हेतु उत्पाद की एफ.ओ.बीमूल्य का 20 प्रतिशत अधिकतम रू. 20 लाख प्रति वर्ष की दर से अधिकतम 03 वर्षो ं तक अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।
7.9 खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना हेतु बैंकेबुल प्रोजेक्ट्स तै यार करने के लिए सहायता:
उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण एवं उससे सम्बन्धित उद्यमों की स्थापना के लिए बैंकेबुल प्रोजेक्ट्स हेतु विस्तृत कार्ययोजना (डी.पी.आर.) तैयार कराने हेतु वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 5 लाख प्रति लाभार्थी अनुदान देय होगा।